अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं (Achyutam Keshavam Lyrics in Hindi) एक मधुर भजन है। यह भजन भगवान विष्णु के अवतार भगवान कृष्ण को समर्पित है। इस अष्टकम् की रचना महान कवि आदि शंकराचार्य ने की है। अष्टकम् के आठ छंदों में शंकराचार्य ने भगवान कृष्ण का गुणगान किया है। उनके द्वार लिखे गए अष्टकम से ही इस भजन की रचना हुई है
यह भजन कृष्ण भगवान के दिव्य गुणों और अवतारों का बखान करता है। साथ ही उनकी अचूकता, करुणा और शक्तिशाली उपस्थिति प्रकाश दर्शन पर है, और उनके विभिन्न सिद्धांतों और सिद्धांतों की स्तुति है। इस भजन का पाठ करने से भगवान के प्रति प्रेम बढ़ जाता है और उनके आशीर्वाद का भी आह्वान करते हैं।
तो आइये, 99Panditji के साथ इस मधुर भजन के हिंदी लिरिक्स (Achyutam Keshavam Lyrics in Hindi) को जानते हैं, और भवन कृष्ण की भक्ति में खो जाते हैं।
अच्युतम केशवं हिंदी लिरिक्स / Achyutam Keshavam Lyrics in Hindi
अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं,
राम नारायणं जानकी वल्लभम्।
कौन कहता है भगवान आते नहीं,
तुम मीरा के जैसे बुलाते नहीं।
अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं,
राम नारायणं जानकी वल्लभम्।
कौन कहता है भगवान खाते नहीं,
बेर शबरी के जैसे खिलाते नहीं।
अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं,
राम नारायणं जानकी वल्लभम्।
कौन कहता है भगवान सोते नहीं,
मां यशोदा के जैसे सुलाते नहीं।
अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं,
राम नारायणं जानकी वल्लभम्।
कौन कहता है भगवान नाचते नहीं,
गोपियों की तरह तुम नचाते नहीं।
अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं,
राम नारायणं जानकी वल्लभम्।
कौन कहता है भगवान रुकते नहीं,
हनुमान के जैसे मनाते नहीं।
अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं,
राम नारायणं जानकी वल्लभम्।
नाम जपते चलो काम करते चलो
हर समय कृष्ण का ध्यान करते चलो
याद आएगी उनको कभी ना कभी
कृष्ण दर्शन तो देंगे कभी ना कभी
अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,
राम नारायणं जानकी बल्लभम।
राम नारायणं जानकी बल्लभम।
अच्युतम केशवं इंग्लिश लिरिक्स / Achyutam Keshavam Lyrics in English
Achyutam Keshavam Krishna Damodaram,
Ram Narayanam Janki Vallabham I
Kaun Kehte Hai Bhagwan Aate Nahi,
Tum Meera Ke Jaise Bulate Nahi I
Achyutam Keshavam Krishna Damodaram,
Ram Narayanam Janki Vallabham I
Kaun Kehte Hai Bhawan Khate Nahi,
Ber Shabri Ke Jaise Khilate Nahi I
Achyutam Keshavam Krishna Damodaram,
Ram Narayanam Janki Vallabham I
Kaun Kehte Hai Bhagwan Sote Nahi,
Maa Yashoda Ke Jaise Sulate Nahi I
Achyutam Keshavam Krishna Damodaram,
Ram Narayanam Janki Vallabham I
Kaun Kehte Hai Bhagwan Nachte Nahi
Gopiyo ki Tarah hum Nachate Nahi
Achyutam Keshavam Krishna Damodaram
Ram Naraynam Janaki Vallabham
Kon Kehta Hai Bhagwan Rukte Nahi
Hanuman Ke Jaise Manate Nahi
Achyutam Keshavam Krishna Damodaram
Ram Naraynam Janaki Vallabham
Naam Japate Chalo Kaam Karte Chalo
Har Samay Krishna Ka Dhyaan Karte Chalo
Yaad Aayegi Unko Kabhi Na Kabhi
Krishan Darshan To Denge Kabhi Na Kabhi
Achyutam Keshavam Krishna Damodaram
Ram Naraynam Janaki Vallabham
Ram Naraynam Janaki Vallabham
Benefits of Chanting Achyutam Keshavam Lyrics \ अच्युतम केशवम मंत्र का जाप करने से लाभ
भगवान कृष्ण के भक्ति भजन अच्युतम केशवं में हमें शांति और सुकून की स्थिति में पहुँचाने की अनोखी क्षमता है। लयबद्ध मंत्र और मन को झकझोर देने वाले गीत एक सुकून भरा माहौल बनाते हैं जो तनाव को कम करता है और शांति की सामान्य भावना को बढ़ावा देता है। इन पवित्र ध्वनियों को सुनने से आध्यात्मिक शांति मिलती है, जिससे लोगों को जीवन की आपाधापी के बीच सुकून मिलता है।
1. सांस्कृतिक संबंध
भक्ति संगीत सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं में गहराई से स्थापित है। भगवान कृष्ण के भजन और आरती में भाग लेने से अपनी विरासत और आध्यात्मिकता से जुड़ाव बढ़ता है। यह सांस्कृतिक व्यवहारों, अनुष्ठानों और धार्मिक परंपराओं में बुनी गई विविध कथाओं को समझने का एक द्वार है। यह जुड़ाव एक आत्मीयता और उद्देश्य की भावना विकसित कर सकता है।
2. मनोदशा को बेहतर बनाना
अच्युतम केशवं भजन, अपनी उत्साहवर्धक धुनों और मधुर बोलों के साथ, हमारी आत्माओं को ऊपर उठाने की क्षमता रखते हैं। चाहे हम उत्सव मना रहे हों या किसी कठिन दौर से गुज़र रहे हों, भक्ति संगीत हमें प्रेरित कर सकता है और हमारे हृदय को आशा और कृतज्ञता से भर सकता है। इन गीतों में निहित संक्रामक सकारात्मकता हमारे दैनिक जीवन में प्रकाश की किरण का काम कर सकती है।
3. आध्यात्मिक चिंतन
अच्युतम केशवं जैसे भक्ति संगीत सुनना आध्यात्मिक ध्यान का अवसर प्रदान करता है। इसके गहन ज्ञानवर्धक बोल अक्सर शाश्वत ज्ञान और बौद्धिक विचारों को व्यक्त करते हैं। इन शिक्षाओं को सुनने से चिंतन, आत्म-खोज और आध्यात्मिक सिद्धांतों की गहन समझ को बढ़ावा मिलता है। यह व्यक्तिगत विकास और अंतरात्मा से जुड़ाव के अवसर प्रदान करता है।
4. सामुदायिक संबंध
कृष्ण भक्ति संगीत में लोगों को एक साथ लाने की स्वाभाविक शक्ति होती है। चाहे मंदिर हों या सामुदायिक कार्यक्रम, भजन और आरती गाने का साझा अनुभव एकजुटता और सामुदायिक बंधन को बढ़ावा देता है। यह व्यक्तिगत मतभेदों को दूर करके सामूहिक भक्ति और सद्भाव की भावना पैदा करता है।
निष्कर्ष
अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं भजन सिर्फ़ गीत नहीं हैं; ये आधुनिक जीवन के लिए ध्वनि औषधि हैं। चाहे आप तनाव से मुक्ति चाहते हों, भावनात्मक उपचार चाहते हों, या गहरे आध्यात्मिक संबंध चाहते हों, ये भक्तिमय धुनें पूर्णता का मार्ग प्रदान करती हैं।
यह कृष्ण भजन सिर्फ भजन नहीं है, बल्की भगवान कृष्ण के प्रति प्रेम व्यक्त करने का एक तरीका है। भगवान कृष्ण की स्तुति में भजन और कीर्तन गाना एक सदियों पुरानी और पवित्र परंपरा है। इसके सरल, मधुर बोल और राग ध्यान के समान ही प्रभाव डालते हैं। साधक के लिए, यह ईश्वर के साथ एकाकार होने का मार्ग प्रशस्त करता है। यह ईश्वर तक पहुँचने का सर्वोत्तम और सरल मार्ग है।
आशा है आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा। ऐसे ही भगवान कृष्ण के मधुर भजन के लिरिक्स पढ़ें तथा उनके अर्थ को समझने के लिए जुड़े रहें हमारे साथ।
Frequently Asked Questions
अच्युतम केशवं भजन आदि शंकराचार्य द्वारा रचित अष्टकम से लिया गया है। उन्होंने इस भजन के माध्यम से भगवान कृष्ण के दिव्य गुणों और अवतारों की स्तुति की है।
इस भजन में भगवान कृष्ण की अचूकता, करुणा, शक्ति और भक्तों के साथ उनके आत्मीय संबंध का वर्णन है। यह दर्शाता है कि यदि सच्ची भक्ति हो तो भगवान हर रूप में अपने भक्तों के पास आते हैं।
अच्युतम् केशवम भजन का जाप करने से कई लाभ मिलते है। जो इस भजन को नियमित रूप से करता है उसको मानसिक शांति और सुकून की प्राप्ति होती है। साथ ही मनोबल और सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है। इस भजन के माध्यम से भगवान कृष्ण के प्रति भक्ति और प्रेम गहरा होता है, और सामूहिक भक्ति और आध्यात्मिक एकता की भावना मजबूत होती है।
यह भजन सरल और मधुर बोलों वाला है, जिसे हर कोई आसानी से गा सकता है। इसके बोल सीधे भगवान कृष्ण के जीवन और उनकी लीलाओं से जुड़े हैं, जिससे यह भक्तों के हृदय को छू लेता है।
नहीं, अच्युतम केशवं भजन हिंदी, संस्कृत और अंग्रेज़ी लिरिक्स में उपलब्ध है। भक्त अपनी सुविधा अनुसार इसका पाठ और गायन कर सकते हैं।
इस भजन का गायन सुबह-शाम की पूजा, कीर्तन, भजन संध्या, मंदिर कार्यक्रमों या व्यक्तिगत ध्यान के समय किया जा सकता है।
हाँ, यह भजन न केवल मन को शांति देता है बल्कि साधक को भगवान के साथ आत्मिक संबंध जोड़ने में भी मदद करता है।