आरती कुंज बिहारी की – Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics

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Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics भगवान श्री कृष्ण की सबसे प्यारी और लोकप्रिय आरती में से एक है| यह आरती खासकर वृंदावन और गोविंद देव जी जेसे श्री कृष्ण के अन्य मंदिरों में गाई जाती हैं| “कुंज बिहारी” का मतलब होता हैं वृंदावन में रहने वाले प्यारे बालक, यानी भगवान कृष्ण अपनी लीलाओं, मुरली की धुन और राधा के साथ प्रेम के लिए जाने जाते हैं| 

जब भक्त श्रद्धा और भक्ति से इस आरती का गायन करते हैं, तो मन में शान्ति और सकारात्मक/अच्छी ऊर्जा फैलती है| इसे गाकर भक्त भगवान कृष्ण के साथ अपने दिल का रिश्ता मज़बूत करते हैं, और उनके आशीर्वाद की अनुभूति पाते हैं|

Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics इतने आसान और मधुर शब्दों में हैं कि बच्चे से लेकर बड़े तक सभी इसे आसानी से गा या सुन सकते हैं। मंदिर, घर या किसी भी साफ़ और शांत जगह पर इसे आरती से वातावरण पवित्र हो जाता है और मन को सुख और शान्ति मिलती है।

Intro Kunj Bihari / कुंज बिहारी जी का परिचय 

कुंज बिहारी जी, भगवान श्री कृष्ण का वो रूप हैं जो वृंदावन की सुंदर कुंज गलियों में राधारानी संग विहार करते हैं। “कुंज” का मतलब है हरे-भरे बगीचे और “बिहारी” का मतलब है खेलने-घूमने वाले। यानी, कुंज बिहारी जी वही नटखट कान्हा हैं जो बांसुरी की धुन से सबका मन मोह लेते हैं।

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जब कृष्ण अपनी बांसुरी बजाते थे तो गोपियाँ अपनी सारी चिंताएँ भूलकर उनकी ओर खिंची चली आती थीं। वृंदावन का हर पत्ता, हर गली और हर बूँद उनके नाम से रसमय हो जाती थी। भक्त मानते हैं कि कुंज बिहारी जी सिर्फ देवता नहीं, बल्कि सच्चे दोस्त, रक्षक और प्रेम के प्रतीक हैं।

कुंज बिहारी जी के दर्शन से मन को शान्ति मिलती है और हृदय प्रेम और भक्ति से भर उठता है। जब हम “आरती कुंज बिहारी की लिरिक्स” गाते हैं, तो ऐसा लगता है मानो हम सीधे वृंदावन की गलियों में पहुँच गए हों और सामने खड़े श्री कृष्ण मुस्कुराकर अपनी बांसुरी से हमें बुला रहे हों।

Aarti Kunj Bihari Lyrics Hindi

आरती कुंज बिहारी की श्री गिरधर कृष्ण मुरारी की
आरती कुंज बिहारी की श्री गिरधर कृष्ण मुरारी की
आरती कुंज बिहारी की श्री गिरधर कृष्ण मुरारी की
आरती कुंज बिहारी की श्री गिरधर कृष्ण मुरारी की

गले में बैजंती माला, बजावे मुरली मधुर बाला
श्रवण में कुंडल झलकला, नंद के आनंद नंदलाला
गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली
लटन में ठाढ़े बनमाली

भ्रमर सी अलक, कस्तूरी तिलक, चन्द्र सी झलक
ललित छवि श्यामा प्यारी की
श्री गिरधर कृष्ण मुरारी की
आरती कुंज बिहारी की, श्री गिरधर कृष्ण मुरारी की
आरती कुंज बिहारी की, श्री गिरधर कृष्ण मुरारी की

कनकमय मोर मुकुट बिलसे, देवता दरसन को तरसे
गगन सो सुमन रासी बरसे
बाजे मुरचंग, मधुर मृदंग, ग्वालिन गाया
वास्तविक रति गोप कुमारी की, श्री गिरधर कृष्ण मुरारी की
आरती कुंज बिहारी की, श्री गिरधर कृष्ण मुरारी की
आरती कुंज बिहारी की, श्री गिरधर कृष्ण मुरारी की

जहां ते प्रगट भयि गंगा, कलुष कलि हारिणी श्री गंगा
स्मरण ते होत मोह भंगा
सि शिव शीश जटा के बीच, हरे अघ कीच चरण छवि श्री बनवारी की
श्री गिरधर कृष्ण मुरारी की
आरती कुंज बिहारी की, श्री गिरधर कृष्ण मुरारी की
आरती कुंज बिहारी की, श्री गिरधर कृष्ण मुरारी की
आरती कुंज बिहारी की, श्री गिरधर कृष्ण मुरारी की

चमकती उज्जवल तात रेनू, बज रही वृन्दावन बेनु
चाहु दिसि गोपी ग्वाल धेनु, हंसत मृदु मंद चांदनी चंद्र कटत भव फंद

तेर सुन दीन भिखारी की श्री गिरधर कृष्ण मुरारी की
आरती कुंज बिहारी की श्री गिरधर कृष्ण मुरारी की
आरती कुंज बिहारी की श्री गिरधर कृष्ण मुरारी की
आरती कुंज बिहारी की, श्री गिरधर कृष्ण मुरारी की
आरती कुंज बिहारी की श्री गिरधर कृष्ण मुरारी की
आरती कुंज बिहारी की श्री गिरधर कृष्ण मुरारी की

Aarti Kunj Bihari Lyrics English 

Aarti Kunj Bihari Ki Shri Girdhar Krishna Murari Ki
Aarti Kunj Bihari Ki Shri Girdhar Krishna Murari Ki
Aarti Kunj Bihari Ki Shri Girdhar Krishna Murari Ki
Aarti Kunj Bihari Ki Shri Girdhar Krishna Murari Ki

Gale Mein Baijanti Mala, Bajave Murali Madhur Bala
Shravan Mein Kundal Jhalakala, Nand Ke Anand Nandlala
Gagan Sam Ang Kanti Kali, Radhika Chamak Rahi Aali
Latan Mein Thadhe Banamali

Bhramar Si Alak, Kasturi Tilak, Chandra Si Jhalak
Lalit Chavi Shyama Pyari Ki
Shri Girdhar Krishna Murari Ki
Aarti Kunj Bihari Ki Shri Girdhar Krishna Murari Ki
Aarti Kunj Bihari Ki Shri Girdhar Krishna Murari Ki

Kanakmay Mor Mukut Bilse, Devata Darsan Ko Tarse
Gagan So Suman Raasi Barse
Baje Murchang, Madhur Mridang, Gwaalin Sang
Atual Rati Gop Kumaari Ki Shri Girdhar Krishna Murari Ki
Aarti Kunj Bihari Ki Shri Girdhar Krishna Murari Ki
Aarti Kunj Bihari Ki Shri Girdhar Krishna Murari Ki

Jahaan Te Pragat Bhayi Ganga, Kalush Kali Haarini Shri Ganga
Smaran Te Haut Moh Bhanga

Basi Shiv Shish, Jataa Ke Beech, Harei Agh Keech Charan Chhavi Shri Banvaari Ki
Shri Girdhar Krishna Murari Ki
Aarti Kunj Bihari Ki Shri Girdhar Krishna Murari Ki
Aarti Kunj Bihari Ki Shri Girdhar Krishna Murari Ki
Aarti Kunj Bihari Ki Shri Girdhar Krishna Murari Ki

Chamakati Ujjawal Tat Renu, Baj Rahi Vrindavan Benu
Chahu Disi Gopi Gwaal Dhenu Hansat Mridu Mand, Chandani Chandra, Katat Bhav Phand

Ter Sun Deen Bhikhaaree Ki, Shri Girdhar Krishna Murari Ki
Aarti Kunj Bihari Ki, Shri Girdhar Krishna Murari Ki
Aarti Kunj Bihari Ki, Shri Girdhar Krishna Murari Ki
Aarti Kunj Bihari Ki, Shri Girdhar Krishna Murari Ki
Aarti Kunj Bihari Ki, Shri Girdhar Krishna Murari Ki
Aarti Kunj Bihari Ki, Shri Girdhar Krishna Murari Ki

Importance and Devotion of Aarti Kunj Bihari Lyrics’s 

“Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics” भगवान श्री कृष्ण की सबसे प्रसिद्ध आरतियों में से एक है। यह आरती ब्रजभूमि यानी मथुरा–वृंदावन से जुड़ी है और हर दिन मंदिरों में गाई जाती है। इसमें श्री कृष्ण जी को “कुंज बिहारी” नाम से पुकारा गया है, क्योंकि वे वृंदावन की सुंदर कुंजों (बग़ीचों) में रास रचाते थे।

इस आरती को गाने का सबसे बड़ा महत्व यह है कि यह भक्त और भगवान के बीच गहरा संबंध बनाती है। जब कोई व्यक्ति श्रद्धा से इसे गाता या सुनता है, तो उसके मन में शांति, प्रेम और भक्ति का भाव जागता है। यह आरती केवल गीत नहीं है, बल्कि भगवान से जुड़ने का एक साधन है।

लोग मानते हैं कि “Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics” से घर का वातावरण पवित्र होता है और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। साथ ही, यह आरती गाने से मन में आनंद और विश्वास पैदा होता है।

कहा जाता है कि जो भी भक्त पूरे मन से यह आरती करता है, उसके जीवन में सुख, समृद्धि और संतोष आता है। इसलिए इसका महत्व केवल पूजा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन को सकारात्मक बनाने का मार्ग भी दिखाती है।

Method to sing Aarti Kunj Bihari Lyrics at right time

“Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics” आरती दिन में किसी भी समय गाई जा सकती है, लेकिन सबसे शुभ समय सुबह 7 बजे और शाम 7 बजे माना गया है। सुबह इसे गाने से पूरा दिन शुभ और ऊर्जा से भर जाता है, वहीं शाम को गाने से पूरे घर का वातावरण पवित्र हो जाता है।

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आरती गाने से पहले स्नान करना और साफ कपड़े पहनना अच्छा माना जाता है। पूजा की थाली में दीपक, धूपबत्ती, फूल और तुलसी की पत्तियाँ ज़रूर रखनी चाहिए। आरती शुरू करने से पहले भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीपक जलाएं और फिर पूरे मन से आरती गाना शुरू करें।

आरती के दौरान ध्यान भगवान श्री कृष्ण पर होना चाहिए। गाते समय ताली बजाना और घंटी बजाना वातावरण को और भी भक्तिमय बना देता है। अगर परिवार के लोग मिलकर आरती करें तो उसका प्रभाव और अधिक बढ़ जाता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि आरती गाने में केवल शब्द ही नहीं, बल्कि भाव भी ज़रूरी हैं। श्रद्धा और विश्वास के साथ गाई गई आरती भगवान तक जल्दी पहुँचती है और भक्त के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाती है।

Real-Life experience of Devotees / भक्तों का वास्तविक जीवन का अनुभव

  1. सुधा शर्मा (दिल्ली)

सुधा जी बताती है की जब उन्होनें सुबह शाम रोज़ “Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics” को गाना शुरू किया, तो उनके घर के रिश्तों में मधुरता आने लगी| पहले झा छोटी छोटी बातों पर झगडे हुआ करते थे, वहा अब शान्ति और समझदारी से काम लिया जाता हैं| 

  1. राहुल मेहता (जयपुर) 

राहुल कहते हैं की जब भी वे तनाव में होते हैं, तो श्री कृष्ण की इस आरती को सुन लेते हैं, इससे उनके मन का बोझ हल्का होजाता हैं, और उनका काम में मन लगने लगता हैं| 

  1. नेहल अग्रवाल (लखनऊ)

नेहल जी का अनुभव हैं की बच्चो की पढ़ाई और मनोबल पर इस आरती का बहुत अच्छा असर हुआ हैं| उनके अनुसार, आरती गाने के बाद बच्चों में ध्यान और अनुशासन बढ़ा| 

  1. अनिल तिवारी (वाराणसी) 

अनिल जी कहते हैं की वृंदावन की यात्रा के दौरान जब उन्होनें हज़ारों भक्तों के साथ मिलकर यह आरती गाई, तो उन्हें ऐसा लगा मानो भगवान श्री कृष्ण उनके सामने खड़े हैं| 

  1. दीपक गुप्ता (आगरा) 

दीपक बताते हैं की जब वें व्यापार एवं कठिनाइयों से जूझ रहे थे, तो उन्होंने हर दिन यह आरती गाना एवं सुनना शुरू करदिया, कुछ ही समय में उनका आत्मविश्वास लौटा और व्यापार में सुधार भी हुआ| 

  1. रीना वर्मा (इंदौर)

रीना जी कहती है की आरती गाते समय ऐसा लगता हैं की पूरा घर श्री कृष्ण की भक्ति से भर गया हो| इससे उन्हें मानसिक शान्ति और आत्मविश्वास मिलता हैं| 

  1. संजय मिश्रा (भोपाल) 

संजय जी के अनुसार, जब उन्होनें परिवार के साथ मिलकर रोज़ शाम को यह आरती गान शुरू किया, तो परिवार के सभी सदस्यों के बीच मत-भेद कम होने लगें| 

Conclusion / निष्कर्ष 

“Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics” भगवान श्री कृष्ण की सबसे मोहक आरती में गिनी जाती है। यह सिर्फ एक भक्ति भरी आरती नहीं है, बल्कि श्रद्धा और विश्वास का ऐसा माध्यम है जो हर भक्त को श्री कृष्ण से जोड़ देता है। जब कोई इस आरती को गाता या सुनता है, तो उसके मन में भक्ति, शांति और प्रेम का भाव पैदा होता है।

कहा जाता है कि यह आरती गाने से घर का माहौल सकारात्मक बनता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है। कई भक्तों ने अनुभव किया है कि इसे नियमित रूप से गाने से परिवार में एकता बढ़ती है, रिश्तों में मिठास आती है और मन में आत्मविश्वास भी बढ़ता है।

यह आरती हर उम्र के लोगों के लिए आसान और प्रभावशाली है। छोटे बच्चों से लेकर बड़े-बुज़ुर्ग तक सभी इसे गाकर भक्ति का आनंद ले सकते हैं। यही कारण है कि इसे सिर्फ पूजा-पाठ का हिस्सा नहीं, बल्कि जीवन को संतुलित और सुखद बनाने वाला साधन माना जाता है। इसलिए, “Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics” हर भक्त के जीवन में आध्यात्मिक ऊर्जा और सच्ची शांति लाने वाली आरती है।

Frequently Asked Questions

यह आरती भगवान श्री कृष्ण के लिए गाई जाती है। इसमें उन्हें “कुंज बिहारी” नाम से याद किया जाता है।

इन्हें सुबह और शाम गाना सबसे शुभ और लाभकारी माना जाता है।

हाँ, इसे घर पर भी श्रद्धा और विश्वास के साथ गाया जा सकता है।

इन्हें गाने से मन शांत होता है, घर में सुख-समृद्धि आती है और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।

हाँ, इसके बोल आसान हैं इसलिए बच्चे भी इसे आसानी से गा सकते हैं।

नहीं, इसे मंदिर और घर दोनों जगह गाया जा सकता है।

हाँ, इसे सुनने से भी मन शांत होता है और भक्ति भाव बढ़ता है।