हिन्दू धर्म की सर्वश्रेष्ठ (प्रमुख) देवी माता लक्ष्मी को माना जाता हैं| जो धन, समृद्धि और शांति की देवी मानी जाती हैं, वह भगवान विष्णु की पत्नी हैं, उन्हें श्री नाम से भी जाना जाता हैं, माता पार्वती और सरस्वती के साथ, वह त्रिदेवियों का भी हिस्सा हैं|
लोग माता लक्ष्मी को अपने घर में दीपक, फूल और प्रसाद का भोग लगाकर उनकी पूजा करते हैं, विशेष रूप से माता लक्ष्मी की पूजा शुक्रवार, दीपवाली एवं महालक्ष्मी व्रत के दौरान की जाती हैं|
भक्त माता लक्ष्मी की आरती गाकर उनकी भक्ति करते हैं|
इस ब्लॉग में आप जानेंगें की माता लक्ष्मी का स्वरुप कैसा है और उनका महत्व क्या है|
आप सीखेंगे की लक्ष्मी जी की आरती कैसे और कब करनी चाहिए, ताकि घर में शांति और सुख बना रहे| यहाँ आपको Lakshmi Ji Ki Aarti Lyrics हिंदी और इंग्लिश दोनों में मिलेंगे|
यह ब्लॉग आपको पूरी जानकारी देगा की कैसे आप माता लक्ष्मी की आरती सही तरीके से कर सकते हैं और अपने जीवन में खुशियाँ और समृद्धि ला सकते हैं|
लक्ष्मी माता: सौंदर्य और समृद्धि की देवी
माता लक्ष्मी हिन्धू धर्म की सबसे महतवपूर्ण देवी हैं| वे केवल धन नहीं हैं, बल्कि सुख, शांति, सम्मान और खुशहाली भी लाती हैं| उनका स्वरुप बहुत सुंदर और दिव्य होता है, लोग उन्हें कमल के फूल, दिया और स्वर्ण जैसे समृद्धि के प्रतीक से जोड़ते हैं|
उनके चार हाथ होते हैं एक हाथ आशीर्वाद देने के लिए, एक हाथ धन देने के लिए और दो हाथों में कमल के फूल होते हैं| माता लक्ष्मी का वाहन उल्लू है, जो बुद्धि और समझ का प्रतीक माना जाता है|
इसका मतलब है की सिर्फ धन नहीं, बल्कि यही सोच और समझ भी जीवन में ज़रूरी है| उनकी सुन्दरता और दिव्यता भक्तों को आकर्षित करती है और लोग उन्हें देखकर मन और आत्मा दोनों से प्रसन्न होते हैं|

वे केवल बाहरी धन नही देती, बल्कि घर और परिवार में सुख, सौहार्द और सकारात्मक ऊर्जा भी लाती हैं| व्यापारी उन्हें सफलता के लिए पूजते हैं, विद्यार्थी बुद्धि और ज्ञान पाने के लिए और घर में सुख और शांति के लिए| उनकी पूजा से ,मन को भी संतोष मिलता है और जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं|
माता लक्ष्मी की पूजा करते समय लोग दीपक जलाते हैं, फूल और मिठाई का भोग लगाते हैं| Lakshmi Ji Ki Aarti Lyrics गाकर उनकी भक्ति करते हैं और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं|
आरती से घर में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है, परिवार में मिलन और सुख शांति बनी रहती हैं|
उनकी भक्ति करने से व्यक्ति में आत्मविश्वास बढ़ता है और वह अपने कामों में सफलता पाता है| माता लक्ष्मी जीवन में संतुलन बनाए रखने और सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा भी देती हैं|
उनका आशीर्वाद प्राप्त करना हर भक्त की सबसे बड़ी इच्छा होती है|
Lakshmi Ji Ki Aarti lyrics in Hindi (हिंदी)
ॐ जय लक्ष्मी माता
मैया जय लक्ष्मी माता तुमको निस दिन सेवत,
मैया जी को निस दिन सेवत हरि विष्णु विधाता |
|| ॐ जय लक्ष्मी माता ||
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग माता,
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता |
|| ॐ जय लक्ष्मी माता ||
दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता,
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि सिद्धि धन पाता |
|| ॐ जय लक्ष्मी माता ||
तुम पाताल निवासिनी, तुम ही शुभ दाता,
कर्म प्रभाव प्रकाशिनी, भवनिधी की त्राता ।
|| ॐ जय लक्ष्मी माता ||
जिस घर मैया तुम रहती, सथ सद्गुण आता,
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता |
|| ॐ जय लक्ष्मी माता ||
तुम बिन यश न होते, वस्ल न कोई पाता,
रन चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता |
|| ॐ जय लक्ष्मी माता ||
महालक्ष्मी जी की आरती, जो कोई नर गाता।
उसे आनन्द समाता, पाप उत्तर जाता |
||ॐ जय लक्ष्मी माता ||
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन सेवत,
हरि विष्णु विधाता, ॐ जय लक्ष्मी माता
ॐ जय लक्ष्मी माता, ॐ जय लक्ष्मी माता

Lakshmi Ji Ki Aarti lyrics in English (अंग्रेज़ी)
|| OM JAI LAKSHMI MAATA ||
MAIYYA JAI LAKSHMI MAATA TUMKO NIS DIN SEWAT,
MAIYYA JI KO NIS DIN SEWAT HARI VISHNU VIDHAATA
|| OM JAI LAKSHMI MAATA ||
UMAA, RAMAA, BRAHMAANI, TUM HI JAG MAATA
SURYA CHANDRA DHYAAWAT, NAARAD RISHI GAATA ||
|| OM JAI LAKSHMI MAATA ||
DURGA ROOP NIRANJINI, SUKH SAMPATTI DAATA,
JO KOI TUMKO DHYAAWAT, RIDDHI SIDDHI DHAN PAATA
|| OM JAI LAKSHMI MAATA ||
TUM PAATAL NIWASINI, TUM HI SHUBH DAATA
KARM PRABHAAV PRAKASHINI, BHAVNIDHI KI TRAATA
|| OM JAI LAKSHMI MAATA ||
JIS GHAR MAIYYA TUM REHTI, SATH SADGUNN AATA
SAN SAMBHAV HO JAATA, MANN NAHI GHABRAATA
|| OM JAI LAKSHMI MAATA ||
TUM BIN YASH N HOTE, VASAL N KOI PAATA
RAN CHATURDASH TUM BIN, KOI NAHI PAATA
|| OM JAI LAKSHMI MAATA ||
MAHALAKSHMI JI KI AARTI, JO KOI NAR GAATA
USE AANAND SAMAATA, PAAP UTAR JAATA
|| OM JAI LAKSHMI MAATA ||
OM JAI LAKSHMI MAATA, MAIYYA JAI LAKSHMI MAATA
TUMKO NISHDIN SEWAT, MAIYYA JI KO NISDIN SEWAT
HARI VISHNU VIDHAATA, OM JAI LAKSHMI MAATA
OM JAI LAKSHMI MAATA, OM JAI LAKSHMI MAATA
कब और कैसे करें लक्ष्मी जी की आरती
माँ लक्ष्मी की आरती करने से घर में सुख, शांति और धन की बरकत आती है। सही समय और सही तरीके से आरती करना बहुत ज़रूरी होता है।
कब करें लक्ष्मी जी की आरती?
- सुबह के समय: सुबह आरती करने से पूरा दिन शुभ और ऊर्जावान रहता है।
- शाम के समय: शाम को आरती करने से घर में सकारात्मकता और शांति बनी रहती है।
- शुक्रवार: यह दिन माँ लक्ष्मी को समर्पित माना जाता है, इसलिए इस दिन आरती का विशेष महत्व है।
- दीपावली पर: लक्ष्मी पूजन और आरती का सबसे शुभ समय दीपावली की रात मानी जाती है।
- विशेष अवसरों पर: जैसे महालक्ष्मी व्रत, गृह प्रवेश, व्यापार की शुरुआत, जन्मदिन या शादी के समय भी लोग माँ लक्ष्मी की आरती करते हैं।
कैसे करें लक्ष्मी जी की आरती?
- सबसे पहले घर और पूजा स्थान को अच्छे से साफ करें।
- माँ लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीपक जलाएँ।
- ताजे फूल, धूप, चावल और मिठाई अर्पित करें।
- परिवार के सभी लोग मिलकर आरती करें।
- Lakshmi Ji Ki Aarti Lyrics पूरे मन से गाएँ।
- घंटी बजाएँ और दीपक को गोल-गोल घुमाएँ।
- आरती पूरी होने के बाद प्रसाद सभी को बाँटें।
आरती करते समय मन शांत और श्रद्धा से भरा होना चाहिए। जल्दीबाज़ी में या बिना ध्यान लगाए आरती करने से उसका पूरा फल नहीं मिलता।
माँ लक्ष्मी की आरती करने से घर में धन की कमी नहीं होती, रिश्तों में प्रेम बढ़ता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
आरती करने के आध्यात्मिक लाभ
माँ लक्ष्मी की आरती करना केवल पूजा का हिस्सा नहीं है, यह एक आध्यात्मिक साधना भी है। जब हम आरती करते हैं तो मन, शरीर और घर का वातावरण पवित्र हो जाता है।
लक्ष्मी जी की आरती करने के मुख्य आध्यात्मिक लाभ
- मन की शांति मिलती है – आरती करने से मन शांत होता है। चिंता, तनाव और नकारात्मक विचार धीरे-धीरे कम हो जाते हैं।
- घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है – दीपक की रोशनी और आरती के मंत्रों की ध्वनि से घर का माहौल शुद्ध और सकारात्मक बनता है।
- आध्यात्मिक शक्ति बढ़ती है – रोजाना आरती करने से आत्मविश्वास और भक्ति की भावना गहरी होती है। इससे इंसान का ईश्वर पर भरोसा और मजबूत होता है।
- धन और समृद्धि की कृपा – माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने से घर में धन-धान्य की कमी नहीं रहती। परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
- परिवार में एकता बढ़ती है – जब पूरा परिवार मिलकर आरती करता है, तो आपस का प्रेम और जुड़ाव और भी मजबूत होता है।
- नकारात्मकता दूर होती है – आरती के समय जली हुई धूप और दीपक की लौ नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों को दूर करती है।
- आध्यात्मिक संतोष मिलता है – आरती करने से आत्मा को शांति और संतोष मिलता है। यह अनुभव साधारण पूजा से अलग और विशेष होता है।
आरती करना भक्ति का सबसे आसान और प्रभावी तरीका है। इसमें न तो बहुत समय लगता है और न ही कठिन विधि की ज़रूरत होती है।
बस सच्चे मन से किया गया यह कार्य जीवन में खुशियाँ, समृद्धि और आत्मिक शांति लाता है।
समापन
माँ लक्ष्मी की आरती करना भक्तों के लिए सुख और समृद्धि पाने का आसान और शुभ तरीका है। जब कोई व्यक्ति पूरे मन से लक्ष्मी माता की आरती गाता है, तो माँ लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों पर आशीर्वाद बरसाती हैं।
सुबह और शाम आरती करने से घर का वातावरण पवित्र और सकारात्मक बनता है। दीपावली, शुक्रवार और विशेष अवसरों पर Lakshmi Ji Ki Aarti Lyrics गाने से पूजा का महत्व और भी बढ़ जाता है।
आरती केवल एक परंपरा नहीं है, यह विश्वास और भक्ति का प्रतीक है।
दीपक की रोशनी और Lakshmi Ji Ki Aarti Lyrics के मंत्रों से मन को शांति और आत्मा को संतोष मिलता है। यही साधना हमें ईश्वर से जोड़ती है और हमारे जीवन को खुशी, सफलता और समृद्धि से भर देती है।
आरती केवल एक परंपरा नहीं हैं, यह विश्वास और भक्ति का प्रतीक है| दीपक की रौशनी और लक्ष्मी जी की आरती लिरिक्स के मंत्रों से मन की शान्ति और आत्मा को संतोष मिलता हैं|
यही साधना हमें इश्वर से जोड़ती है और हमारे जीवन की ख़ुशी, सफलता और समृद्धि से भर देती हैं|
इसलिए, चाहे आप रोजाना Lakshmi Ji Ki Aarti Lyrics गाए या किसी विशेष दिन, हमेशा श्रद्धा और प्रेम से करें| माँ लक्ष्मी की आरती से घर में बरकत, रिश्तों में प्रेम और जीवन में खुशियाँ बढ़ती हैं|
Frequently Asked Questions
लक्ष्मी जी की आरती करने का सबसे अच्छा समय सुबह और शाम माना जाता है। सुबह आरती करने से पूरा दिन शुभ और सकारात्मक ऊर्जा से भरा रहता है। शाम को आरती करने से घर में शांति और सुकून मिलता है। खासतौर पर शुक्रवार और दीपावली की रात आरती करने का महत्व बहुत अधिक है। इन दिनों की गई आरती से माँ लक्ष्मी विशेष रूप से प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं।
हाँ, रोज़ाना लक्ष्मी जी की आरती करना बेहद शुभ माना जाता है। अगर आप हर दिन आरती नहीं कर सकते, तो कम से कम शुक्रवार और किसी त्यौहार के दिन अवश्य करें। रोज़ाना आरती करने से घर का वातावरण पवित्र रहता है, धन और समृद्धि में वृद्धि होती है और परिवार में आपसी प्रेम भी मजबूत होता है।
आरती करने के लिए आपको दीपक (घी या तेल का), ताजे फूल, धूप, कपूर, चावल, और मिठाई की आवश्यकता होती है। पूजा की थाली में ये सारी चीज़ें सजाकर रखें। साथ ही घंटी भी रखें ताकि आरती के समय बजा सकें। आप चाहें तो अगरबत्ती और रंगोली भी सजा सकते हैं, जिससे माहौल और भी भक्तिमय हो जाता है।
नहीं ऐसा जरूरी नहीं। अगर आपको आरती याद नहीं है तो आप किताब से पढ़कर या मोबाइल पर Lakshmi Ji Ki Aarti Lyrics देखकर भी कर सकते हैं। मुख्य बात यह है कि आप पूरे मन और श्रद्धा के साथ आरती करें। भावनाओं की सच्चाई आरती के फल को और भी बढ़ा देती है।
आरती करने से घर में सुख-समृद्धि आती है, धन की वृद्धि होती है और मन को शांति मिलती है। यह माना जाता है कि माँ लक्ष्मी की आरती करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में बरकत बनी रहती है। इसके अलावा परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम और आपसी समझ भी बढ़ती है।
नहीं, दीपावली की पूजा आरती के बिना अधूरी मानी जाती है। दीपावली पर माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा के बाद आरती करना बहुत ज़रूरी है। दीपक की लौ और आरती के मंत्र मिलकर घर में शुभता और सकारात्मक ऊर्जा फैलाते हैं।
हाँ, बच्चों को आरती में शामिल करना बहुत अच्छा होता है। इससे उनमें धार्मिक भावनाएँ और संस्कार आते हैं। अगर बच्चे छोटे हैं तो वे केवल दीपक के सामने हाथ जोड़कर या प्रसाद ग्रहण करके भी भाग ले सकते हैं।
आरती करने के लिए बहुत कठिन नियम नहीं हैं। बस जगह साफ-सुथरी होनी चाहिए, दीपक जलना चाहिए और मन पूरी तरह शांत और भक्तिभाव से भरा होना चाहिए। आरती हमेशा दाहिने हाथ से दीपक घुमाकर करनी चाहिए और अंत में प्रसाद बाँटना चाहिए।